ब्यूरो:-
22 अक्टूबर :- प्लाज्मा थेरेपी को बंद करने की अटकलों को लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत सबसे पहले दिल्ली सरकार ने की थी और अमेरिका ने भी दिल्ली की प्लाज्मा थेरेपी की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि अब तक दिल्ली में दो हजार से भी ज्यादा लोगों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा चुकी है, लेकिन अब केंद्र सरकार इसमें राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा की आई सी एम और एम्स मिलकर जो रिसर्च कर रहे थे वो उनसे हो नहीं पाई। प्लाज्मा थेरेपी की सफलता का क्रेडिट दिल्ली सरकार को न मिल जाए इसलिए इस पर राजनीति हो रही है। मेरी केंद्र सरकार से गुजारिश है कि राजनीति के तहत प्लाज्मा थेरेपी को बंद न किया जाए।
जैन ने कहा है कि दिल्ली में प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग अब तक सफल रहा है। इससे मृत्यु दर को घटाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 2000 से अधिक लोगों को अब तक प्लाज्मा थेरेपी से ठीक किया जा चुका है। उसमें खुद मैं भी शामिल हूं।जैन का यह बयान तब आया है जब हाल ही में इंडियन क्लीनिकल मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने प्लाज्मा थेरेपी को लेकर सवाल उठाए थे। इसे बंद करने की भी चर्चा है। स्वास्थ्य मंत्री जैन ने बुधवार को भी मीडिया से बातचीत में कहा था।
प्लाज्मा थेरेपी का सबसे पहले प्रयोग दिल्ली ने किया था। यह ट्रायल हमने खुद केंद्र व आईसीएमआर से मंजूरी लेकर किया था। अभी तक जो नतीजे हैं वह संतोषजनक हैं। कई गंभीर मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी से बचाया गया है। जिन दो हजार मरीजों की बात मैं कर रहा हूं वह प्लाज्मा बैंक वाले हैं। बहुत ऐसे हैं जो सीधे अपने जानकारों से प्लाज्मा ले रहे हैं। उन्हें जोड़े तो यह संख्या और ज्यादा होगी।
आईसीएमआर अगर प्लाज्मा थेरेपी बंद करेगा तो क्या दिल्ली सरकार उसे जारी रखेगी। इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि आईसीएमआर व एम्स ने मिलकर इस पर रिसर्च शुरू की थी। शायद उन्हें इस पर कोई बड़ा ब्रेकथ्रू नहीं मिला है। मगर, दिल्ली सरकार इस पर बहुत आगे बढ़ चुकी है। हमने जो ट्रायल शुरू किया था वह उन्हीं से मंजूरी लेकर किया है। अमेरिका ने भी इसे अपनाया है। बात विरोध की नहीं है। अभी तक रिसर्च चल रही है। दिल्ली को कोविड से मृत्युदर घटाने में मदद मिली है।