ब्यूरो:-
16 अक्टूबर:- अगर आप सोचते हैं कि 2021 में जब कोरोना का पहला टीका बाजार में उपलब्ध हो जाएगा तब हालात सामान्य हो जाएंगे तो फिलहाल यह एक सपने जैसा है। दरअसल दुनिया की आठ अरब आबादी तक टीका पहुंचाने के काम में जिन 181 कंपनियों को लगाया जाना है, उनमें से 50 फीसदी कंपनियों ने कहा कि वे अभी इसके लिए तैयार नहीं हैं। यह जानकारी एक सर्वे के माध्यम से सामने आयी जो कि इंटरनेशनल एयरकार्गो एसोसिएशन एंड फार्मा ने किया।
इस संगठन ने सितंबर के मध्य में एक पोलिंग सर्वे किया। सर्वे का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि सर्वेकर्ता संगठन का काम वैश्विक टीकाकरण के समन्वयन से जुड़ा है। सर्वे में जिन 181 आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी कंपनियों को शामिल किया गया है, वे कंपनियां टीके के रखरखाव के उपकरण जैसे डीप फ्रिज, कंटेनर, माल की ढुलाई, टीके को निर्माता देश से दूसरे देशों में हवाई या नौका सेवा से ले जाने जैसी सेवाओं से जुड़ी हैं।
50 फीसदी के पास ही उपकरण :- आपूर्ति कंपनियों में से 50 प्रतिशत ने कहा कि उनके पास पर्याप्त वाहन, कंटेनर, करोड़ों शीशियों को डीप फ्रिज में रखकर दूसरे स्थानों पर ले जाने लायक बिजली या बैटरी कनेक्शन हैं। वहीं, एक-तिहाई कंपनियों ने कहा कि वे अब तक उपकरण जुटाने में लगे हैं
हवाई जहाज से 65 हजार टन खुराक पहुंचाना चुनौती:- विमानन व्यापार और लॉजिस्टिक्स संगठन की एमिर पिनेडा का अनुमान है कि कोविड-19 का टीका आ जाने पर करीब 65 हजार टन खुराकों की हवाई मार्ग से ढुलाई की अकेले जरूरत होगी। यह 2019 में हवाई जहाजों से वितरित की गईं सभी तरह के टीकों का चार गुना है। इसके लिए लगभग 930 बोइंग-747 विमानों जरूरत होगी। सबसे बड़ी चिंता यह है कि सप्लाई चेन में शामिल एक भी कंपनी अगर पूरी क्षमता से काम नहीं कर पायी तो टीकाकरण का पूरा काम प्रभावित होगा।