हमीरपुर :- फसल विविधीकरण को बढ़ावा देकर किसानों-बागवानों की आय बढ़ाने के लिए जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी यानि जाइका के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में चलाई जा रही 321 करोड़ रुपये की फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के बहुत ही अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। इस परियोजना के तहत पॉलीहाउस लगाकर भी किसानों को नकदी फसलों के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिले में सब्जी उत्पादन में अच्छी-खासी वृद्धि हो रही है।
जाइका परियोजना के अंतर्गत इन तीनों जिलों के लिए स्वीकृत कुल 70 उप-परियोजनाओं वाले क्षेत्रों में एक-एक पॉलीहाउस लगाया गया है। लगभग एक करोड़ 16 लाख रुपये की लागत से स्थापित किए गए इन 70 पॉलीहाउसों में सब्जियों और अन्य नकदी फसलों की पनीरी तैयार करके किसानों को उपलब्ध करवाई जा रही है। घर-द्वार पर ही उन्नत किस्म की पनीरी उपलब्ध होने पर कई किसान अब नकदी फसलें उगाने लगे हैं। जाइका परियोजना के माध्यम से हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिले के कुल 215 हैक्टेयर क्षेत्र को सब्जी उत्पादन के अंतर्गत लाया जा चुका है।
जाइका परियोजना के निदेशक डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि इस वर्ष खरीफ सीजन के दौरान हमीरपुर जिले के 32 पॉलीहाउसों से 1.65 लाख, बिलासपुर के 19 पॉलीहाउसों से 1.39 लाख और ऊना जिले के 19 पॉलीहाउसों से 1.31 लाख पनीरी के पौधे किसानों को वितरित किए गए। इनमें मुख्यत: टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च, फूल गोभी, कद्दू और अन्य नकदी फसलों की पनीरी शामिल है।
डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि पहले किसान-बागवान बाजार से पनीरी के पौधे लेते थे। इन पौधों की किस्म एवं गुणवत्ता के बारे में किसानों को कोई जानकारी नहीं होती थी। कई बार पनीरी ठीक न होने के कारण किसानों को अच्छी पैदावार नहीं मिलती थी और उन्हें नुक्सान उठाना पड़ता था।
जाइका परियोजना के कारण अब किसानों-बागवानों को घरद्वार पर ही अच्छी किस्म की पनीरी उपलब्ध हो रही है और वे नकदी फसलें लगाने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित हो रहे हैं। इस प्रकार हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिले में सब्जी उत्पादन के क्षेत्र का विस्तार करने तथा अधिक से अधिक किसानों को इससे जोडऩे में जाइका परियोजना के पॉलीहाउस बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।