skip to content

किसानों की आय में दर्ज की गई लगभग चार गुणा बढ़ोतरी !

Updated on:

 Photo 1602337338361 1

हमीरपुर10, 2020 :- हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण परियोजना पूरे प्रदेश सहित हमीरपुर जिला में भी किसानी व खेती की तस्वीर बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जिला की ग्राम पंचायत सनाही के बलेटा गांव में जाइका समर्थित उप परियोजना स्थापित होने के बाद किसानों का रुझान परंपरागत खेती के बजाय नकदी फसलों की ओर हुआ है और उनकी आय में भी लगभग चार गुणा बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।


बलेटा गाँव में खेती आय का मुख्य स्रोत हैलेकिन पानी की अनुपलब्धतातकनीकी ज्ञानकृषि उपकरणोंनई तकनीकों और गुणवत्तापूर्ण कृषि सामग्री की कमी के कारण किसान कम क्षेत्र में कृषि कर रहे थे और ज्यादातर अनाज वाली फसलें उगा रहे थेजबकि सब्जी उत्पादन नाममात्र था। उप परियोजना शुरू होने से पहले सब्जियों के तहत एक हेक्टेयर क्षेत्र रबी मौसम में था। अनाज की उत्पादकता और किसानों की आय भी सीमित थी।

Photo 1602337370815 1

जायका समर्थित हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण परियोजना के अंतर्गत बलेटा गाँव में 5.41 हेक्टेयर खेती योग्य भूमि को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा प्रदान की गई, जिस पर लगभग 29.22 लाख रुपए खर्च हुए। कृषि उत्पाद को खेतों से मुख्य सड़क तक ले जाने के लिए एक सम्पर्क सड़क का निर्माण किया गया, जिस पर लगभग 17.71 लाख रुपए खर्च किए गए। गाँव में सब्जियों की नर्सरी व पौध की उपलब्धता हेतु 1.66 लाख रुपए में एक पॉलीहाउस का निर्माण किया गया एवं कुछ किसानों को पॉली टनल भी उपलब्ध करवाई गयी।


गाँव बलेटा के किसान अब सुनिश्चित सिंचाई व अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनाज वाली फसलों के स्थान पर सब्जी उत्पादन को महत्व दे रहे हैं। किसानों को उनके उत्पाद के बाजार में अच्छे दाम भी मिल रहे हैं। स्थानीय निवासी भागीरथ एवं अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पहले यहां पानी की कमी के कारण उन्होंने खेती लगभग छोड़ दी थी और जमीन बंजर हो रही थी, मगर जाइका परियोजना के उपरांत अब भरपूर पानी सिंचाई के लिए मिल रहा है। कोरोना महामारी के कारण लागू पूर्णबंदी के दौर में किसानों ने नकदी फसलें उगाकर अच्छा लाभ अर्जित किया।  


सिंचाई सुविधा के साथ-साथ सब्जी उत्पादन में जागरूकता बढ़ाने के लिए परियोजना में किसानों को तकनीकी ज्ञानकृषि उपकरणोंनई तकनीकें और गुणवत्तापूर्ण कृषि सामग्री प्रदान की जा रही है। कृषि उपकरण जैसे पावर वीडरपावर टिल्लरलहसुन प्लांटर्स इत्यादि मिलने के उपरांत किसानों द्वारा भिंडीटमाटरखीराअदरकआलूप्याजलहसुनचुकंदरफूलगोभीबंदगोभी, ब्रोकली आदि सब्जियों की खेती की जा रही है। उप परियोजना बलेटा में लगभग सम्पूर्ण क्षेत्र सब्जी उत्पादन के अंतर्गत लाया जा चुका है और वर्ष 2019-2020 में फसल संघनता 270% तक हो गयी है।


उप परियोजना शुरू होने से पहले यहां अनाज की उत्पादकता 16.5-18 क्विटंल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 30 क्विटंल प्रति हेक्टेयर और सब्जियों की उत्पादकता 70-85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 180-200 क्विटंल प्रति हेक्टेयर हो चुकी है। किसानों की आय भी 2,14,265 रुपए प्रति हेक्टेयर सालाना से बढ़कर लगभग 8,40,592 रुपए प्रति हेक्टेयर हो गयी है।


हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण परियोजना के क्रियान्वयन के बाद किसानों की सब्जी की खेती में गहरी रुचिप्रशिक्षण और प्रदर्शनों का प्रभाव ऐसा हुआ कि जो आंदोलन प्रारम्भ में चुनिंदा किसानों द्वारा शुरू किया गया थाअब उसका फैलाव पूरे गाँव में हो गया है। क्षेत्र के लोगों की आर्थिक स्थिति बदलने से उनके सामाजिक और आर्थिक जीवन स्तर में भी परिवर्तन स्पष्ट नजर आता है। यह उप परियोजना अब अन्य परियोजनाओं को प्रेरित कर रही है, क्योंकि HPCDP-JICA-ODA से पहले गाँव में पानी की उपलब्धता नहीं थी और अब किसान फसलों की खेती और पानी के उचित उपयोग का आनंद ले रहे हैं जो अंततः किसान की आय में वृद्धि करता है।

Leave a Comment