ब्यूरो
ज्वालामुखी मंडल भाजपा की प्रदेश सरकार और संगठन से चल रही तकरार बढ़ती ही जा रही है। इसी कड़ी में अब ज्वालामुखी के आईटी सेल के संयोजक सुशील राणा, सह-संयोजक बीरबल व कपिल कुमार, आईटी सेल के ज्वालामुखी प्रभारी एवं जिला भाजपा उपाध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि प्रदेश में एकमात्र ज्वालामुखी भाजपा मंडल ऐसा है, जहां पर वरिष्ठ कार्यकर्ता घुटन महसूस करने लगते हैं।
इसका प्रमुख कारण यह है कि यहां पर सरकार और संगठन का मंडल के साथ सौतेला व्यवहार और अन्याय है। ज्वालामुखी मंडल भाजपा और यहां के विधायक रमेश धवाला द्वारा, जो भी नाम संगठन और सरकार में नामजद करने के लिए भेजे जाते हैं, उन पर कैंची चला दी जाती है और मनमर्जी से कुछ लोगों को खुश करने के लिए ऐसे लोगों को नामजद किया जा रहा है, जिनकी पृष्ठभूमि कांग्रेस से संबंधित है। इनमें से कुछ लोग पिछले चुनावों में भितरघात करने में संलिप्त रहे थे और कुछ हाल ही में पार्टी में प्रवेश करने में सफल हुए थे। ऐसे लोग स्थानीय मंडल भाजपा और विधायक रमेश धवाला के खिलाफ दुष्प्रचार कर संगठन के नेताओं की गुड बुक में अपना नाम दर्ज करवाकर बड़े से बड़े ओहदे हासिल करने में सफल हो रहे हैं।
आईटी सेल के नेताओं ने आरोप लगाया की ज्वालामुखी में जिन लोगों की ताजपोशी की जा रही है, उनमें से कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें निदेशक पद पर तैनात किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग रेबडि़यों की तरह कौशल विकास के संस्थान कथित रूप से चहेतों को बांट रहे हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए। यह भी पता लगाया जाना चाहिए कि संस्थान किन लोगों को आबंटित किए जा रहे हैं और यहां पर कितनी संख्या में प्रशिक्षु मौजूद हैं। नियमों को ताक पर रखकर चहेतों को ठेके दिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, जिलाधीश और बड़े अधिकारियों से चहेतों को अनुदान दिलवाया जा रहा है। आईटी सेल के नेताओं ने कहा कि मंडल ज्वालामुखी भाजपा द्वारा दिए गए 15 दिन के अल्टीमेटम में किसी बड़े राजनीतिज्ञ को पर्यवेक्षक के रूप में यहां भेज कर मसले का हल करें और निकट भविष्य में सौहार्दपूर्ण तरीके से सरकार व संगठन के कार्य हो सकें, ऐसी व्यवस्था करें।