संवाददाता अमित कुमार :-
शाहतलाई :- कोविड-19 के कारण लोगों के कारोबार व अन्य रोजगार के संसाधन अभी तक प्रभावित हैं। हालांकि सरकार द्वारा छोटे कारोबारी या अन्य उद्योग धंधे खोल तो दिए हैं परंतु अभी भी कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी के कारण आम जनजीवन पूरी तरह स्थापित नहीं हो पा रहा है। पूर्व अध्यक्ष नगर पंचायत तलाई एवं जिला कांग्रेस कमेटी पूर्व प्रवक्ता पवन कौशल ने कहां आमजन सरकार से कोविड-19 से प्रभावित अपने कारोबार व दिहाड़ी मजदूरी कर जीवन यापन करने वालों को बिजली पानी शहरी क्षेत्रों में हाउस टैक्स इत्यादि पर माफी देकर राहत मिलने की एक आशा थी। लेकिन सरकार ने उल्टा कुछ निर्णय कर महंगाई देकर आमजन से विपरीत परिस्थितियों में कठोराघात कर लोगों के दिलों पर ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।
इन्होंने कहा मध्यमवर्गीय परिवारों और छोटे व्यापारियों का कारोबार अभी भी पटरी पर इस बीमारी के चलते नहीं आ रहा है। बाजारों में आमजन अभी भी आने जाने से कतरा रहा है। दूसरे आर्थिक तौर पर भी निजी कार्य करने वाले और आम जनता बुरी तरह अभी भी प्रभावित है। लेकिन सरकार द्वारा इन विपरीत परिस्थितियों में राहत देने की बजाय 125 यूनिट बिजली के ऊपर से सब्सिडी खत्म करना, पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ना, राशन सब्सिडी में कई परिवार को काटने की योजना, बस किराए पर बढ़ोतरी जैसे चर्चा मंत्रिमंडल में कर जनता को दर्द की घड़ी में नमक छिड़कने वाली बात ही है। इन्होंने कहा सरकार अगर लोगों को राहत नहीं दे सकती है तो इन परिस्थितियों में जो महंगाई दी और जनता को आर्थिक रूप से मार देने वाले निर्णय जनता हित में वापस ले।
इन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है एक तरफ तो सरकार निजी कारोबारियों उद्योग धंधे इत्यादि को हिदायत दे रही है कि कर्मचारियों व अन्य को वेतन इत्यादि में कटौती ना करें परंतु स्वयं जनता के हित में बिजली पानी बिलो की राहत तो दूर उल्टा महंगाई दी है। इन्होंने कहा अगर राहत नहीं दे सकते तो कम से कम महंगाई इस प्रभावित समय में आमजन को ना दें। छोटे व्यापारियों को अपनी बैंक की लिमिट इत्यादि पर कारोबार बंद होने के समय ब्याज पर राहत की भी वकालत की है । वहीं देवभूमि के धार्मिक स्थलों को प्रदेश के लिए खोलने पर भी सरकार विचार करें ताकि कारोबारियों को भी राहत हो सकती