ब्यूरो :-
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नियुक्त 2555 एसएमसी शिक्षकों को सेवाविस्तार देने और लंबित वेतन देने का किया फैसला 27 अक्तूबर को प्रस्तावित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में होगा। शिक्षा विभाग ने इस बाबत प्रस्ताव भेज दिया है। बीते दिनों शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों से शिक्षकों की बीते दिनों की सेवाओं से जुड़ा ब्योरा भी एकत्र कर मंत्रिमंडल के ध्यानार्थ भेज दिया है। संभावित है कि 27 अक्तूबर को सरकार इन शिक्षकों को बड़ी राहत देने का फैसला लेगी।
हिमाचल हाईकोर्ट ने अगस्त में एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने का फैसला सुनाया था। इस फैसले को चुनौती देने के लिए प्रदेश सरकार और शिक्षक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। बीते दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट की इस व्यवस्था के बाद शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों से संबंधित सारा रिकार्ड एकत्र कर लिया है।
शीतकालीन स्कूलों में पढ़ाने वाले एसएमसी शिक्षकों को जनवरी 2020 और ग्रीष्मकालीन स्कूलों के शिक्षकों को अप्रैल 2020 से सेवाविस्तार नहीं दिया गया है। सेवा विस्तार मिलने के इंतजार में बैठे इन शिक्षकों ने कोरोना संकट के बीच ऑनलाइन शिक्षा देना जारी रखा।
दूरदराज के क्षेत्रों में एसएमसी शिक्षकों ने घर-घर जाकर बच्चों को शिक्षण सामग्री भी उपलब्ध करवाई। प्रदेश सरकार ने बीते दिनों हाईकोर्ट में शिक्षकों का लंबित वेतन जारी करने की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने नामंजूर कर दिया था।
अब हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगने के बाद शिक्षा विभाग ने लंबित वेतन को जारी करने के लिए सरकार से ग्रांट इन एड देने की मांग उठाई है।