ब्यूरो:-
5 अक्टूबर :-जहां एक तरफ केंद्र सरकार ने किसानों के कल्याण के नाम पर तीन बिल पास कर दिए हैं। वहीं पूरे देश के किसान इसी मौसम में निकली मक्की की फसल के गिरते मूल्य से हताश और परेशान हैं। हिमाचल प्रदेश में भी लाखों किसानों ने फसल समेटकर मक्की घर में रख ली है और खरीदारों का इंतजार कर रहे हैं। इस बाबत राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हंसपाल सिंह और हिमाचल प्रदेश के महामंत्री बालकृष्ण शास्त्री ने कहा है, कि व्यापारी किसानों को 800 से एक हजार रुपए प्रति क्विंटल का भाव बता रहा है।
इसके चलते किसान अभी व्यापारियों को मक्की नहीं बेच रहे हैं। वे इस इंतजार में हैं कि सरकार इस समस्या का संज्ञान लेगी और उन्हें उचित मूल्य मिलेंगे। उन्होंने बताया कि किसानों के अनुसार मक्की का लागत मूल्य ही दो हजार प्रति क्विंटल से ऊपर आता है। कड़ी मेहनत और हजारों रुपए के बीज खाद और कीटनाशक पर व्यय करने के बाद अब उनकी फसल मिट्टी के भाव बिक रही है। हंसपाल सिंह ने बताया कि पिछले साल सरकार ने मक्की का समर्थन मूल्य 1760 प्रति क्विंटल घोषित कर रखा था, लेकिन बड़े खेद की बात है कि सरकार ने मक्की की खरीद करने के लिए कोई केंद्र नहीं खोला है। सरकार जिन किसानों की आय दोगुनी करने की दुहाई दे रही है, अव्यवस्था और गलत नीतियों के कारण किसानों की आय आधी होती दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने मक्की का समर्थन मूल्य 1800 रुपए प्रति क्विंटल घोषित कर रखा है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर से मांग की है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्की के खरीद केंद्र खोलकर किसानों से मक्की खरीदी जाए।