हेमंत राणा
नादौन 11 अगस्त :- नादौन में कोरोना पॉजिटिव पाई गई युवती के मामले में प्रशासन यदि मुस्तैदी दिखाता या नियमों की पालना करता तो नादौन में कंटेनमेंट जोन की आवश्यकता ही नहीं थी। 26 तारीख से बिहार से लौटी युक्ति जब अपने घर नादौन में वापिस पहुंची तो प्रशासन को मालूम था कि बिहार से आई है परंतु प्रशासन ने नियमों के अनुसार उसे क्वॉरेंटाइन करने में बड़ी भूल की जिस हालात में वह युवती अपने परिवार के सदस्यों के साथ नादौन में बने पर्यटन विभाग के शौचालयों के ऊपरी तल पर एक ही कमरे में रह रही थी।
कोविड-19 एक्ट के तहत उक्त युवती को इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन किया जाना चाहिए था क्योंकि उसके परिवार के पास एक ही कमरा था वह उसने पहले से ही उसके परिजन 7 लोग रह रहे थे परंतु प्रशासन ने उसे ओंकार रनटाइम किया जो कि एक बड़ी भूल मानी जा रही है। जबकि अब अधिकारी इस मामले को अन्य अधिकारियों सहित परिवारिक सदस्यों पर थोप रहे हैं जिसके चलते इस वायरस के फैलने का अंदेशा बन गया है और स्थानीय दुकानदारों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है यदि नादाैन प्रशासन समय रहते मुस्तैद रहा होता तो शुरू में ही युवती को इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन किया जा सकता था जिसके चलते आज कंटेनमेंट जोन को ना तो बढ़ाया जाता और ना ही इतने दिन तक कंटेनमेंट जोन मैं लोगों को रहना पड़ता नादौन में ही आज आए एक अन्य मामले मैं एक अन्य व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर मात्र उसी घर को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है क्योंकि वहां सभी नियमों को फॉलो किया गया था लिहाजा इस स्थान पर भी नियमों की पालना बहुत जरूरी थी जो कि नहीं हो सकी।
एसडीम नादौन विजय कुमार का कहना है 26 तारीख को उक्त युवती के आने की जानकारी उनके पास आई थी बाल नगर पंचायत सहित संबंधित विभागों को होम क्वॉरेंटाइन केआदेश दिए थे वहीं सचिव नगर पंचायत नादाैन संजय शर्मा का कहना है कि सूचना आशा वर्कर के पास आती है और वही इस मामले को देखते हैं . उधर बीएमओ नादौन डॉक्टर अशोक कौशल का कहना है की कोरोना पॉजिटिव पाई गई युवती जोकि 26 जुलाई को आई थी उसे ओम क्वॉरेंटाइन किया गया था और 5 दिन बाद उसके सैंपल लिए गए जो की रिपोर्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं परंतु वह घर में और कई लोगों के साथ रह रही थी इस बात की लिखित सूचना उसके परिवार के सदस्यों ने उन्हें नहीं दी जिसके चलते उसे होम क्वॉरेंटाइन किया गया था।