ब्यूरो
स्टेट रुरल इंजीनियरिंग बेस्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम योजना के तहत प्रदेश के लाखों बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। अभी तक इस योजना का लाभ आरक्षित वर्ग को ही मिला है । अब अनारक्षित वर्ग के गरीब लोग भी इसमें शामिल किए जाएंगे। इन्हें विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रशिक्षक एक साल तक का प्रशिक्षण देंगे। इसके लिए सरकार सात हजार तक की वित्तीय मदद देगी।
छह सदस्य कमेटी तय करेगी कि अब इस योजना का लाभ किसे दिया जाना चाहिए है। राज्य सरकार ने इस संबंध में बुधवार को राजपत्र में अधिसूचना भी जारी कर दी है। प्रशिक्षण लेने वालों को सालभर प्रतिमाह 1500 रुपये मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा प्रशिक्षण देने वालों को प्रति प्रशिक्षु 500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से साल में 6000 रुपये मिलेंगे। एक प्रशिक्षक केंद्र में सिर्फ छह लोगों को प्रशिक्षण दे सकेगा। यह योजना गांवों में लोगों को रोजगार दिलाने में उपयोगी होगी ।
छह सदस्य कमेटी तय करेगी लाभार्थी
छह सदस्य कमेटी तय करेगी कि अब इस योजना का लाभ किसे दिया जाना चाहिए है। इस कमेटी में जीएम उद्योग अध्यक्ष, जिला उद्योग प्रबंधक, जिला परिषद सदस्य, जिला उद्योग केंद्र प्रबंधक सदस्य सचिव और उद्योग के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
इन क्षेत्रों में लिया जाएगा प्रशिक्षण
बेरोजगारों को फर्नीचर बनाने, बांस की वस्तुएं, बिजली का काम, लोहार, बेकरी, कंप्यूटर वाहन रिपेयर, धातु की मूर्ति बनाने, प्लंबर, वेल्डिंग, तरखान, मिस्त्री, फ्लेक्स, प्रिंटिंग, टायर रिपेयर, दुग्ध विधायन, बैग बनाने, सॉफ्ट खिलौने, हैंडलूम, कैटरिंग आदि का प्रशिक्षण लेने की सुविधा रहेगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की राज्य निदेशक उद्योग हंसराज शर्मा ने कहा कि एसआरईबीटीपी योजना के तहत प्रशिक्षण केंद्र खोलकर यह योजना जल्द ही शुरू की जाएगी।इससे पहले इस योजना लाभ केवल आरक्षित वर्ग के लोग ही उठाते थे परंतु , अब इस योजना का लाभ अनारक्षित वर्ग के लोग भी इस योजना का लाभ उठाएंगे।