ब्यूरो:-
प्रदेश में नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए शुरू होने वाली नियमित कक्षाओं के दौरान प्रार्थना सभाएं नहीं होंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में बस सुविधा बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग जल्द ही परिवहन निगम के साथ चर्चा करेगा। स्कूल स्तर पर बनाए गए माइक्रो प्लान के आधार पर नियमित कक्षाएं लगाई जाएंगी। अधिक विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों में सुबह-शाम की शिफ्ट में भी शिक्षक कक्षाएं लगा सकेंगे।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि स्कूल खुलने पर हाजिरी पर जोर नहीं रहेगा। जो विद्यार्थी स्वेच्छा से स्कूल आना चाहता है, वह आ सकेगा। अभिभावकों के सहमति पत्र पर ही स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा। स्कूलों में शिक्षक 100 फीसदी आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर स्कूल अपने माइक्रो प्लान के तहत कक्षाओं को लगाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से भी एसओपी जारी होंगे। इस दौरान घर पर रहने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई पहले की तरह ऑनलाइन ही जारी रहेगी।
माइक्रो प्लान शिक्षकों को अभिभावकों के साथ मिलकर बनाए गए हैं। स्कूलों में विद्यार्थियों के बीच पर्याप्त शारीरिक दूरी रखनी होगी। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षण संस्थान खुलने पर बसों की संख्या को बढ़ाने के लिए परिवहन निगम से बात की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि 75 फीसदी अभिभावक स्कूल खोलने के पक्ष में हैं। लाखों अभिभावकों के साथ ई-पीटीएम कर इस बाबत सुझाव लिए हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, चंडीगढ़ में शुरू की गई व्यवस्था को भी स्टडी किया गया है।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा है कि नई एसयूवी आवश्यकता के लिए खरीदी गई है, मोह के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के समय में गाड़ी की खरीद मंजूर हुई थी। राज्य मंत्रिमंडल ने इनोवा क्रिसटा खरीदने को मंजूरी दी थी। पुरानी इनोवा गाड़ी ढाई लाख किलोमीटर चल पड़ी है। वह अब कंडम हो गई है। सरकार से मंजूर हुई इनोवा क्रिसटा से सस्ती गाड़ी खरीदी है। भारत में बनी टाटा कंपनी की गाड़ी खरीदी है, इनोवा क्रिसटा या होंडा जैसी गाड़ी नहीं ली है।
आधार कार्ड को अपडेट करने का काम नहीं करेंगे शिक्षक :-प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों को आधार कार्ड अपडेट करने के कार्यों से मुक्ति मिल गई है। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने इस कार्य को आउटसोर्स कर्मियों से करवाने का फैसला लिया है। इसके लिए आईटी विभाग के सहयोग से टेंडर किए गए हैं। पांच और पंद्रह साल की आयु पूरी करने पर विद्यार्थियों के बायोमीट्रिक अपडेट किए जाते हैं।
अभी तक स्कूलों में आईपी शिक्षकों की मदद से यह कार्य करवाया जाता रहा है। शिक्षकों ने इस गैर शिक्षण कार्य को लेकर कई बार आपत्तियां जताई हैं। इसके चलते इस कार्य को अब आउटसोर्स कर दिया गया है। सौ स्कूलों को चयनित किया गया है।
इन स्कूलों में लैपटॉप और प्रिंटर आदि मुहैया करवाए जाएंगे। यह आउटसोर्स कर्मी अन्य स्कूलों में जाकर भी आधार कार्ड अपडेट का कार्य करेंगे। परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि जल्द ही इस नई व्यवस्था को सरकारी स्कूलों में लागू कर दिया जाएगा।