ब्यूरो:- सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे एसएमसी शिक्षकों के भविष्य पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। शिक्षकों के साथ प्रदेश सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है। हाईकोर्ट की ओर से 2630 एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तय होगा कि एसएमसी शिक्षक सेवाएं दे सकेंगे या इनकी छुट्टी होगी।
बीते माह सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने भी एसएलपी दायर करने की बात कही थी। कोर्ट ने सरकार के आग्रह पर सुनवाई आठ अक्तूबर तक टाल दी थी। प्रदेश सरकार को एसएमसी शिक्षकों की संख्या, इनकी सेवाओं वाले क्षेत्रों सहित उन्हें और नियमित शिक्षकों को दिए जा रहे वेतन का पूरा ब्योरा देने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने बीते माह एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने का फैसला सुनाते हुए इनकी जगह छह माह में नियमित शिक्षकों की भर्ती करने का फैसला दिया था।
साल 2012 से दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों के स्कूलों में सेवाएं दे रहे इन शिक्षकों की नौकरी संकट में पड़ने के बाद हरकत में आई सरकार ने कैबिनेट बैठक में विस्तृत चर्चा की थी। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को लेकर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी। इसी बीच शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए एसएलपी दायर की थी।