संवाद सहयोगी
प्रशासन ने 10 सितबंर से मंदिर को खोलने की तैयारी पूरी कर ली है। प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी का दरबार श्रद्धालुओं के लिए खुलने वाला है। एक दिन में केवल 500 श्रद्धालु ही मां के दर्शन कर पाएंगे। फ्लू जैसे लक्षणों वाले श्रद्धालुओं को अस्पताल में आइसोलेट किया जाएगा और उनकी कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही मंदिर के अंदर जाने की अनुमति होगी। सभी श्रद्धालुओं को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा।कोरोना वैश्विक महामारी के बीच मंदिर खुलने के बाद संक्रमण से बचाव के लिए श्रद्धालुओं से लेकर दुकानदारों के लिए एसओपी जारी की गई है।
दिशा-निर्देशों के मुताबिक श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य संबंधी परीक्षण के लिए उन्हें नए बस अड्डा के समीप चिंतपूर्णी सदन अथवा प्राधिकृत क्षेत्र में पंजीकरण एवं चिकित्सीय परीक्षण के लिए संपर्क करना होगा।श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में गेट एक व दो के माध्यम से निर्धारित सामाजिक दूरी अपनाते हुए भेजा जाएगा। मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पूर्व हाथ और पैर साबुन से धोने होंगे। इसके लिए जगदंबा ढाबा, मंगत राम की दुकान के समीप व पुराना बस अड्डा के पास व्यवस्था की गई है।
पुजारियों और चिंतपूर्णी सदन के लिए दिशा निर्देश
उपायुक्त ऊना तथा मंदिर आयुक्त संदीप कुमार ने कहा कि पुजारी श्रद्धालुओं को न तो प्रसाद वितरित करेंगे और न ही मौली बांधेंगे। श्रद्धालुओं के समूह के लिए पूजा-अर्चना नहीं होगी। कन्या पूजन और हवन आयोजन पर प्रतिबंध रहेगा। गर्भगृह में एक समय पर केवल दो पुजारियों को ही बैठने की अनुमति रहेगी।
डीसी ने बताया कि चिंतपूर्णी सदन में श्रद्धालु पंजीकरण के लिए संपर्क करेंगे, इसके लिए पंजीकरण और चिकित्सीय परीक्षण के लिए समुचित काउंटरों की व्यवस्था होगी। मुंडन संस्कार मंदिर परिसर में नहीं किया जाएगा, यह चिंतपूर्णी सदन में चिह्नित स्थल पर ही किया जाएगा। कटे हुए बाल तथा अन्य सामग्री कूड़ेदान में एकत्रित करके सफाई कर्मियों को सौंपनी होगी।