बी. आर. अहिरवार
अक्सर हम न्यूज चैनलों, समाचार पत्रों आदि में दिखते हैं कि किसी नेता ने किसी दूसरे नेता या मंत्री पर मानहानि का मामला दर्ज किया। आज हम अपने इस लेख में मानहानि कि कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।
सामान्य परिचय-: सामाजिक प्रतिष्ठा या मान-सम्मान का अधिकार प्रत्येक व्यक्ति का एक विशिष्ट अधिकार होता हैं।व्यक्ति की प्रतिष्ठा उसकी संपत्ति से भी अधिक मूल्यवान होती हैं।प्रत्येक व्यक्ति अपनी इस सामाजिक प्रतिष्ठा को किसी भी कीमत पर बनाये रखना चाहता है और कानून इस अधिकार को मान्यता प्रदान करता है तथा उसको पूर्ण संरक्षण प्रदान करता है।व्यक्ति की प्रतिष्ठा को किसी भी प्रकार का आघात या हानि पहुचाना मानहानि कहा जाता हैं।
मानहानि दो प्रकार की होती हैं:-
1. अपलेख(Libel):- अपलेख के अंतर्गत कथन का किसी स्थायी एवं दिखाई देने वाले रूप में प्रकाशन किया जाता हैं जैसे लिखा हुआ, छापा हुआ, चित्र, फोटो, सिनेमा, फिल्म, कार्टून या व्यंग्य चित्र, पुतला या किसी के दरवाजे पर कुछ लिखकर चिपकाना ऐसे ही रूप में होना चाहिए।यह कहा जाता हैं अपलेख आंखों को सम्बोधित किया जाता हैं। इस प्रकार बोलने वाली फिल्म में मानहानिकारक विषय अपलेख होता हैं।
2. अपवचन(slander):- किसी व्यक्ति के प्रति मानहानिकारक वचन के प्रयोग को अपवचन कहते है।सामान्य रूप से अपवचन मौखिक शब्दों, संकेतों अथवा अव्यक्त ध्वनियों द्वारा किया जाता हैं।एवं अपवचन कानों को संबोधित किया जाता हैं।
भारतीय दण्ड संहिता में अपलेख एवं अपवचन दोंनो प्रकार मानहानि को दंडनीय अपराध माना है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 499 के अनुसार:-
जो कोई बोले गए या पढे जाने के लिये आशयित शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा या दृष्यरूपणो द्वारा किसी व्यक्ति के बारे मे कोई लांछन इस आशय से लगता या प्रकाशित करता है कि ऐसे लांछन से ऐसे व्यक्ति की ख्याति की अपहानि की जाये या जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए लगता या प्रकाशित करता है कि ऐसे व्यक्ति की ख्याति की अपहानि होगी।वह उस व्यक्ति की मानहानि कर सकता हैं।
धारा 500 दण्ड का प्रावधान:-
जो कोई किसी अन्य व्यक्ति की मानहानि करेगा वह सादा कारावास जिसकी अवधि दो वर्ष हो या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
मानहानि का अपराध असंज्ञेय तथा जमानतीय होता हैं जिसका विचारण सत्र न्यायालय द्वारा किया जाएगा।