ब्यूरो
शिमला :- कोरोना (Corona) संकट में लोगों को परिवहन सेवाएं दे रहे निजी ऑपरेटरों के हाथ खड़े होने लगे हैं। हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ सहित प्रदेश के अधिकतर जिला की यूनियन ने कहा है कि अब प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर बस चलाने की स्थिति में नहीं हैं। निकट भविष्य में यदि टैक्स (Tax) माफ किया जाता है, तभी हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर अपने आप को बस चलाने के लिए थोड़ा सा सक्षम महसूस करेंगे। हिमाचल के निजी बस ऑपरेटरों ने उम्मीद जताई है कि प्रदेश सरकार निजी बस ऑपरेटरों के हित में आने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में अवश्य ही टैक्स माफी पर विचार-विमर्श करेगी और कोई फैसला लेगी। हिमाचल निजी बस ऑपरेटर संघ ने निजी बस ऑपरेटर से विचार-विमर्श करके यह फैसला लिया है कि निजी बस ऑपरेटरों का 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सीएम जयराम ठाकुर एवं परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर से मिलेगा तथा अपनी समस्याओं से उन से अवगत करवाएगा। उन्होंने सरकार द्वारा घोषित किए गए वर्किंग कैपिटल की राशि को शीघ्र जारी करने की अपील की।
हिमाचल निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पारशर, प्रदेश महासचिव रमेश कमल, उपप्रधान वीरेंद्र गुलेरिया, विजय ठाकुर, जितेंद्र ठाकुर, संयुक्त सचिव अखिल शर्मा, विनिया अमीन, मनु शर्मा, भारत भूषण, चंदन करीर, जर्म सिंह, संदीप शर्मा, कुलबीर सिंह, विधि सचिव दिनेश सैनी, प्रवक्ता मनोज राणा, जिला कांगड़ा (Kangra) वेलफेयर सोसायटी के प्रधान रवि दत्त शर्मा, उप प्रधान वीरेंद्र मनकोटिया, संजय भाटिया, मुन्ना वालिया, दुर्गा सिंह, अनिल कुमार, हमीरपुर के राजकुमार, मंडी (Mandi) की सुरेश ठाकुर, सिरमौर से मामराज शर्मा, चंबा (Chamba) से रवि महाजन, बिलासपुर के प्रधान राजेश पटियाल एवं महासचिव राहुल चौहान, ऊना पवन ठाकुर, रामपुर के हरमीद्र शर्मा, रजनीश काल्टा, सरकाघाट से भीम सिंह रांगड़ा व सोलन (Solan) के प्रधान जॉनी मेहता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटरों ने सरकार के निर्देशानुसार बसें चलाने का फैसला किया था, लेकिन कुछ ऑपरेटरों की बसें अभी तक भी नहीं चल रही हैं तथा मात्र 40 फीसदी बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं। 60 फीसदी बसों के ना चलने का कारण सवारियां ना होना तथा डीजल एवं अन्य चीजों में लगातार बढ़ रही महंगाई है।
इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा टैक्स माफी पर कोई फैसला ना किए जाने के कारण निजी बस ऑपरेटर परेशान हैं। अगर टैक्स माफी को लेकर सरकार कोई फैसला लेती है तो तभी निजी बस ऑपरेटर बस चलाने में सक्षम होंगे। उक्त पदाधिकारियों ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ ने प्रदेश के सभी निजी बस ऑपरेटरों से विचार-विमर्श करके कई बार अपने मांग पत्र में 31 मार्च 2021 तक टैक्स माफी करने की मांग की है, लेकिन सरकार द्वारा अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। हिमाचल प्रदेश में परिवहन सुविधा देने के लिए निजी बस ऑपरेटरों का महत्वपूर्ण योगदान है और प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने के लिए तथा जनता को सुविधा देने के लिए लगातार प्रयास प्रयासरत रहते हैं।
अब स्थिति यह है कि हिमाचल का निजी बस ऑपरेटर जहां बैंक का लगातार कर्जदार होता जा रहा है, वहीं अपने घर की रोजी-रोटी बचाना भी बहुत मुश्किल हो गया है। हिमाचल प्रदेश में दूसरी तरफ परिवहन सेवा दे रही एचआरटीसी (HRTC) कोरोना काल के दौरान 272 करोड़ रुपये के घाटे से जूझ रही है, जिसकी पुष्टि स्वयं परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने की है।