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आंगनबाड़ी कर्मियों को बताया प्राकृतिक खेती का महत्व !

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हमीरपुर 06 अक्तूबर :- चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र हमीरपुर स्थित बड़ा के सौजन्य से डिडवीं टिक्कर में न्यूट्री गार्डन पर एक प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया।

 पोषण अभियान के अंतर्गत आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र बड़ा के विशेषज्ञ डॉ. चमन लाल चौहान और उनके सहयोगी डॉ. नवनीत जरियाल ने बाल विकास परियोजना भोरंज की लगभग 35 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और वृत पर्यवेक्षकों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।

 डॉ. चमन लाल चौहान ने बताया कि सब्जियों में रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग के कई दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं। इसलिए आज के दौर में ऑर्गेनिक खेती पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि केवल 77 वर्ग मीटर खेत में प्राकृतिक खेती से पूरे परिवार के लिए सब्जियां उगाई जा सकती हैं। इसमें रासायनिक कीटनाशकों के बजाय देसी गाय के एक लीटर गोमूत्र में 10 लीटर पानी डालकर छिडकाव करें। खंदेला नीम बसूटी दरेक का रस 25 एमएल में 1 लीटर पानी डालकर छिडक़ाव कर सकते हैं। अगर वह भी उपलब्ध न हो तो 5 दिन पुरानी लस्सी का भी छिडक़ाव इसके लिए कर सकते हैं। रासायनिक खाद की जगह हमें केंचुआ खाद का उपयोग अधिक से अधिक करना चाहिए और हर परिवार को सभी सब्जियां घर में ही ऑर्गेनिक तरीके से उगानी चाहिए। सब्जियों को नल का पानी नहीं देना चाहिए क्योंकि उसमें ब्लीचिंग पाउडर मिला होता है। अत: कम से कम 5 दिन पुराना पानी ही सब्जियों को दें।

 इस अवसर पर बाल विकास योजना अधिकारी जीत राम चौधरी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डॉ. चमन लाल चौहान और उनके सहयोगी ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा लगाई गई पारंपरिक व्यंजनों और खुद तैयार की गई ऑर्गेनिक सब्जियों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में जगह उपलब्ध होने पर न्यूट्री गार्डन विकसित किए जाएंगे। इस अवसर पर वृत पर्यवेक्षक अभिषेक रवि ठाकुर, सुनील नड्डा और अक्षय महाजन भी उपस्थित थे।

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