संवाददाता बी. आर. अहिरवार :-
”आज हम देख रहे है कि कोरोना को रोकने के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार अलग अलग तरीके से प्रयास कर रही हैं। ओर समाज में कुछ लोग ऐसे भी है जो कोरोना नामक संक्रामक बीमारी को छुपा रहे है एवं फैला रहे है। हम बात कर रहे है कि क्या संक्रामक बीमारी को फैलाना अपराध है? जी हाँ यह अपराध हैं भारतीय दण्ड संहिता(IPC),1860 कि धारा 269 एवं धारा 270 मे संक्रामक बीमारी(रोग) फैलाना अपराध माना गया है।
उपेक्षापूर्ण कार्य करना
धारा 269 के अनुसार जो कोई विधि विरुद्ध रूप से या उपेक्षा से ऐसा कार्य करेगा जिससे वह जानता या विश्वास करने का कारण रखता हो कि जीवन के लिए संकटपुर्ण किसी रोग का संक्रमण फैलाना सम्भव है।। यह अपराध है इसके लिए दण्ड छः मास की कारावास या जुर्माना या दोंनो से दण्डित किया जा सकता है।
सरकार का कर्तव्य
इस धारा का मुख्य उद्देश्य लोगों को ऐसे कार्य करने से रोकना है, जिनके कारण संक्रामक रोगों के फैलने की संभावना रहती हैं क्योंकि समाज में स्वास्थ्य-सुरक्षा बनाए रखना प्रत्येक कल्याणकारी राज्य का कर्तव्य है।
परिद्देषपूर्ण कार्य
धारा 270 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर(विददेषपूर्वक) ऐसा कोई कार्य करता है जिससे किसी संक्रामक रोग के फ़ैलने की संभावना है, यह भी एक अपराध है। उस व्यक्ति को दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है ।।