सुरंग से मनाली से लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। कोरोना काल में मोदी देश की तीसरी और अयोध्या के बाद दूसरी महत्वपूर्ण जनसभा लाहौल के सिस्सू में कर रहे हैं। यह जिला चीन शासित तिब्बत की सीमा पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस वायदे को भी पूरा करने जा रहे हैं जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कर गए थे।
इस सुरंग को बनाने का पहला सर्वे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी करवाया था, वह केलांग आई थीं, पर तब तकनीक ऐसी न थी कि जो पीर पंजाल पर्वत के पेट को चीर जाए। आजादी के बाद लाहौल जब पंजाब का हिस्सा था तभी से यह मांग उठ रही थी।
फिर जब तीन को तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी ने केलांग पुलिस मैदान में इसकी घोषणा की तो उम्मीद बंध गई। इस सुरंग के दक्षिण मुहाने मनाली के पास धुंधी तक सड़क बनवा ली। आगे बढ़ते हुए इंदिरा के संकल्प को याद करवाकर को सोनिया गांधी ने भी बतौर यूपीए अध्यक्ष इसका शिलान्यास करवाया। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही इसके निर्माण को तेजी मिल पाई और यह महत्वाकांक्षी परियोजना पूरी हो पाई।