ब्यूरो:-
कोरोना काल के बीच लोगों के लिए शुरू की गईं हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों को मुसाफिर नहीं मिल रहे हैं। कई रूटों पर ये बसें खाली दौड़ रही हैं। आय होना तो दूर, डीजल के पैसे निकाल पाना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में करीब 70 रूटों को बंद करने की तैयारी है।
लोगों की मांग के बाद ही इन रूटों को बहाल किया गया था लेकिन अब सवारियां नहीं मिल रही हैं। इन रूटों से निगम की 30 फीसदी तक भी आय नहीं हो रहीलिहाजा, एक-एक करके इन रूटों पर बसें भेजना बंद कर दी जाएंगी। हिमाचल में परिवहन निगम के बेड़े में 3100 बसें हैं जबकि रूटों की संख्या 2900 है। इनमें से 1800 रूटों पर परिवहन निगम की बसें दौड़ रही हैं।
निगम का मानना है कि लांग रूटों पर परिवहन निगम की बसों के लिए सवारियां मिल रही हैं। 30 से 35 किलोमीटर वाले रूटों पर सवारियां नहीं मिल रही हैं। छुट्टी वाले दिन तो ये बसें खाली दौड़ती हैं।
बाहरी राज्यों के रूटों पर 70 फीसदी ऑक्यूपेंसी:- बाहरी राज्यों और नाइट रूटों पर चल रही बसों से निगम को ठीक आय हो रही है। इन दिनों बसों में 70 फीसदी ऑक्यूपेंसी है।
प्रदेश के नाइट रूटों वाली बसों में भी सवारियां ठीक हैं। प्रदेश सरकार दिल्ली के लिए भी बसें चलाना चाहती है, लेकिन केजरीवाल सरकार फिलहाल बसें भेजने को मना कर रही है।