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हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला आया सामने !

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ब्यूरो 

डॉ राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला काफी गरमा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के कार्यकाल में हमीरपुर अस्पताल में अग्निकांड से ग्रस्त मरीजों के उपचार के लिए केंद्र सरकार की एक योजना के तहत बर्न यूनिट स्थापित हुआ था। इस बहुमंजिला भवन के निर्माण और मरीजों के उपचार के लिए कीमती उपकरण व फर्नीचर की खरीद के लिए केंद्र सरकार ने बजट जारी किया था।

लेकिन हमीरपुर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने करोड़ों की लागत से बने बर्न यूनिट में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का कार्यालय खोल दिया। अब जब स्वास्थ्य विभाग की तरफ से हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में दोबारा बर्न यूनिट के संचालन की मुहिम शुरू हुई तो इसमें चौंकने वाले मामले सामने आए। विभाग ने जिस चिकित्सक को बर्न यूनिट का नोडल अधिकारी नियुक्त कर बर्न यूनिट को फिर से चलाने के आदेश दिए।

उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यहां पर वर्तमान में बर्न यूनिट नहीं है और ना ही फर्नीचर व अन्य मेडिकल उपकरण इस भवन में हैं। इसके साथ ही सरकार ने भी अपने स्तर पर इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच अधिकारी ने भी अपने ऑडिट रिपोर्ट में ऑब्जेक्शन लगाए हैं। सरकार ने इस मामले में मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमीरपुर से रिपोर्ट मांगी है।

वहीं स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (अब एसबीआई) हमीरपुर में चल रहे मेडिकल कॉलेज के बैंक खाते को बंद करके इस खाते को हिमाचल ग्रामीण बैंक में खोला गया। राष्ट्रीय बैंक से बैंक खाते को क्षेत्रीय बैंक में ट्रांसफर करने पर भी अस्पताल प्रबंधन में विवाद खड़ा हो गया है।बताया जा रहा है कि हाल ही में मेडिकल कॉलेज के एक अधिकारी के निजी भवन में हिमाचल ग्रामीण बैंक की शाखा भी खुल गई है, जिस से संबंधित अधिकारी को अच्छी खासी मासिक आमदनी शुरू हो गई है।

30 सितंबर 2020 को मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सेवानिवृत्त हो चुके हैं। लेकिन अभी तक सरकारी वाहन उनके घर पर ही खड़ा है। प्रदेश स्वास्थ्य विभाग का इस तरह ढुलमुल रवैया होने से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। हालांकि बर्न यूनिट मामले की जांच शुरू होने से मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मचा हुआ है।

मेडिकल कॉलेज में बर्न यूनिट मामले की जांच चल रही है। इस बारे में शीघ्र ही रिपोर्ट तैयार करके शिमला स्थित उच्च अधिकारी को भेजी जाएगी। – डॉ अर्चना सोनी, सीएमओ हमीरपुर।

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल 30 सितंबर 2020 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। लेकिन अभी तक सरकारी वाहन कॉलेज प्रशासन को हैंड ओवर नहीं हुआ है, इस मामले में उच्च अधिकारी ही कुछ बता सकते हैं। – संजीव कुमार, अतिरिक्त निदेशक, डॉक्टर राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर।

हमीरपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होने के बावजूद किस अधिकार से सरकारी वाहन का निजी प्रयोग कर रहे हैं। और नेशनल बैंक से किन कारणों से हिमाचल ग्रामीण बैंक में खाता ट्रांसफर हुआ, इस सारे मामले की जांच की जाएगी। – निपुण जिंदल, विशेष सचिव, प्रदेश स्वास्थ्य विभाग।

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