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गरीबों के आशियाने पर कोरोना की मार, अभी करना होगा तीन माह और इंतजार !

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संवाददाता निकिता शर्मा 

 सोलन :- शहर में गरीबों के आशियाने पर भी कोरोना की मार पड़ रही है। पहले यह कार्य बजट कमी से कछुआ चाल से होता रहा। फिर कोविड-19 के बीच ठेकेदार को निर्माण कार्य के लिए मजदूर नहीं मिले। इसके चलते कार्य अधर में लटका है। ऐसे में शहरी गरीबों को अपने घर के लिए अभी तीन माह और इंतजार करना होगा।

शहर के गरीब परिवारों को आवास मुहैया करवाने के लिए नगर परिषद सोलन चंबाघाट-बाईपास मार्ग पर एचआरटीसी वर्कशाप के समीप भवन निर्माण करवा रही है। यह काम पिछले आठ सालों में पूरा नहीं हो पाया है। हालांकि, अब प्रदेश की सीमा खुलने के बाद कार्य को दोबारा शुरू किया जा रहा है। इस कार्य को पूरा करने के लिए नगर परिषद ने ठेकेदार को और तीन माह का समय दिया है। केंद्र सरकार के इंटिग्रेटेड हाउसिंग एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत जरूरतमंद परिवारों के लिए 96 मकानों का निर्माण किया जा रहा है।

डेढ़ लाख में मिलेगा 12 लाख का एक फ्लैट

नगर परिषद ने शहरी गरीब और बेघर लोगों से घर के लिए प्रार्थना पत्र मांगे थे। एक फ्लैट की कीमत डेढ़ लाख तय हुई है। नप ने आवेदकों से 2 से 5 हजार एडवांस भी लिया था। कुछ लोगों ने इसकी किश्तें देना भी शुरू कर दीं। कई लोगों ने नप को डेढ़ लाख में से एक-एक लाख की राशि भी जमा करवा दी हैं। नगर परिषद का कहना है कि एक फ्लैट पर साढे़ 12 लाख का खर्च आया है।

समय पर बजट नहीं मिलने से भी हुई निर्माण में देरी

नगर परिषद अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर ने बताया कि समय पर बजट नहीं मिलने से जरूरतमंद लोगों को भवन मिलने में देरी हुई। कार्य पूरा करने के लिए ठेकेदार को तीन माह का समय दिया था लेकिन कोविड के बीच ठेकेदार को लेबर नहीं मिलने से कार्य फिर रुक गया था। बाहरी राज्यों की सीमा खुलने के बाद दोबारा कार्य शुरू किया जा रहा है। तीन माह के बीच कार्य पूरा करना होगा।

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