शिमला,04 अगस्त :- गरीवी रेखा से नीचे रह रहे लोगों बीपीएल के लिए आरंभ की गई बकरी पालन योजना की अब विजिलेंस जांच होगी। इसमें 3.10 करोड़ की खरीद सवालों के घेरे में हैं। इस मामले की एडीजीपी विजिलेंस से शिकायत की गई है। सूत्रों के अनुसार इसमें जांच एजेंसी ने प्रारंभिक इन्क्वायरी शुरू कर दी है। पुख्ता सुबूत मिले तो एफआइआर दर्ज होगी। जल्द ही पशुपालन विभाग से भी रिकॉर्ड कब्जे में लिया जाएगा।सरकार ने बीपीएल कृषक बकरी पालन योजना के तहत वर्ष 2018-19 में तीन नस्ल के बकरे और बकरियां खरीदने के लिए 3.10 करोड़ की राशि जारी की थी। इससे सिरोही, बीटल और जमुना परी नस्ल के बकरे- बकरियों की खरीद होनी थी। ये नस्लें हिमाचल प्रदेश में नहीं पाई जाती है और इन्हें बाहरी राज्यों से खरीदा जाना था।
कहां हुई राशि खर्च :-
विभाग ने राज्यस्तर पर खरीद नहीं की। योजना के तहत चंबा, भरमौर, बिलासपुर, पांगी हमीरपुर कांगड़ा पालमपुर, किन्नौर, कुल्लू, लाहुल स्पीति, मंडी शिमला, सिरमौर और सोलन में खरीद हुई। आरोप है कि इसमें राज्य सरकार के वित्त विभाग के नियमों की पालना नहीं हुई।
क्या कहते हैं नियम :-
शिकायत में नियमों का भी हवाला दिया गया है। हिमाचल प्रदेश वित्तीय नियमावली 2009 के मुताबिक कमेटी के माध्यम से केवल एक लाख तक की खरीदारी की जा सकती है। एक लाख से अधिक राशि की खरीदारी के लिए टेंडर प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है। जबकि 10 लाख से अधिक राशि की खरीदारी के लिए विज्ञापित टेंडर प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है विभाग ने इसमें वित्त विभाग से कोई मंजूरी नहीं ली।
जिलों ने भी अपनाई अलग-अलग प्रक्रिया :-
कांगड़ा जिला में उपनिदेशक कार्यालय ने कुल 25 लाख खर्च किए और 646 बकरियां खरीदी। इनमें से कुछ बकरियां कमेटी गठित करके खरीदा गया और कुछ को टेंडर के माध्यम से खरीदा गया। टेंडर के माध्यम से जो खरीद की गई उसे हिमाचल प्रदेश सरकार के राजपत्र में प्रकाशित नहीं करवाया। बकरियां खरीदने के लिए पशु चिकित्सकों की एक कमेटी बनाई गई, जिसमें स्टेट अकाउंट सर्विसेज के अधिकारी को शामिल नहीं किया गया।मंडी जिले में 269 बकरियां खरीदी गई यह जिले में कुछ बकरियां टेंडर के माध्यम से खरीदी गई और कुछ कमेटी के माध्यम से खरीदी गई। बिलासपुर जिले में कुल 426 बकरियां और 111 बकरियों की खरीद हुई। इस पर अठारह लाख खर्च किए गए।
विजिलेंस से एफआइआर की मांग :-
बकरी पालन योजना की खरीद में अनियमितताएं बरती गई हैं। इसकी विजिलेंस से शिकायत की गई है। इसे लेकर जल्द एफआइआर दर्ज की जाए। शिकायत के साथ पूरे दस्तावेज दिए गए हैं। –सुरेश कुमार राठौर, शिकायतकर्ता।