चमन ठाकुर चंबा:-
चंबा:- से तीन दिनों तक समोट बलॉक के तहत लगभग 150 आशा कार्यकर्ता ने वेतन न मिलने की सूरत में कार्य ना करने का निर्णय लिया है।
आशा वर्कर युनियन की नार्थ जोन की अध्यक्ष रमा और महासचिव पूजा ने कहा कि करोना महामारी के इस दौर में प्रदेश मे आशा वर्कर बीते छः महिनों से लगातार अपनी जान को जोखिम मे डाल कर कार्य कर रही हैं। इस दौरान उन्हें संक्रमण का भी खतरा बना रहता है।
लेकिन बावजूद इसके उन्हे महज 1500 रू मासिक वेतन मिलता है जो कि उंट के मुहं में जीरे के समान है। वहीं समोट बलॉक की लगभग 150 आशा वर्कर को बीते दो महीनों से वेतन नही मिला है।
उन्होंने कहा की प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जुलाई माह में यह एलान किया था कि प्रदेश की 7809 आशा कार्यकर्ताओं को तीन दिन में स्मार्ट फोन मिलेंगे। लेकिन इस बात को एक महीना होने को आया है मगर अभी भी आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन नही मिल पाये हैं। इसके अलावा जुलाई व अगस्त माह के दौरान प्रदेश सरकार राज्य की सभी आशा वर्कर को 2000 हजार रू प्रतिमाह की प्रोत्साहन देने का एलान किया था। लेकिन प्रोत्साहन राशि तो दूर अभी तक दो महीनों का वेतन भी नही मिला है।
उन्होने कहा कि 1500 रू के हिसाब से इनका दैनिक वेतन महज 50रू प्रतिदिन बनता है जो एक दिहाड़ीदार मजदूर के वेतन से भी कम बैठता है।
उन्होंने सरकार से माँग की है कि उनके वेतन को बढाया जाए । वहीं जब इस बारे मेँ बीएमओ समोट सतीश फोतेदार से बात की गई तो उन्हों ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि आशा कार्यकर्ताओ ने तीन दिन तक कार्य न करने का फैसला लिया है। रही बात वेतन न मिलने की तो उन्हें बीते महिने का वेतन अभी तक बजट न होने के कारण नही मिला है जो कि एक या दो दिनों मे दे दिया जायेगा।