ब्यूरो:-
भारत में कोरोना वायरस महामारी अपने चरम से गुजर चुकी है और अब ढलान पर है। सरकार की ओर से बनाई गई वैज्ञानिकों की एक समिति का यही मानना है। पैनल के मुताबिक, भारत में कोरोना महामारी फरवरी 2021 तक खत्म होने की संभावना है।
उसके अनुसार, भारत में कोरोना के 10.6 मिलियन यानी एक करोड़ छह लाख से ज्यादा केस नहीं होंगे। अभी भारत में कोरोना के कुल 75 लाख से ज्यादा केस हैं। कमेटी ने कहा कि वायरस से बचाव को लेकर किए जा रहे उपाय जारी रखे जाने चाहिए। समिति ने महामारी के रुख को मैप करने के लिए कम्प्यूटर मॉडल्स का इस्तेमाल किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय के अनुसार देश में रिकवरी दर बढ़ कर 88.03 फीसदी हो गई है, जबकि मृत्यु दर 1.53 प्रतिशत है।
भारत में रोजाना कोरोना मामले सामने आने की संख्या अब अमरीका से कम हो गई है। सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजयराघवन ने इस समिति का गठन किया था। आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर इसके प्रमुख हैं। समिति के मुताबिक, अगर भारत ने मार्च में लॉकडाउन न लगाया होता तो देशभर में 25 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई होती।
अब तक इस महामारी से 1.14 लाख मरीजों की मौत हुई है। नीति आयोग के सदस्य और कोविड एक्सपर्ट पैनल के चीफ डा. वीके पॉल ने कहा कि पिछले तीन हफ्तों में नए मामले और मौतों की संख्या घटी है, लेकिन हम सर्दियों के मौसम में भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका से इनकार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि एक बार कोविड-19 का टीका आ जाए, उसके बाद उसे नागरिकों को उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।
उनके मुताबिक भारत अब कहीं बेहतर स्थिति में है, लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना है, क्योंकि 90 प्रतिशत लोग अब भी कोरोना वायरस से आसानी से संक्रमित हो सकते हैं।